जिन्दगी एक शिक्षक
मै अकेले मै कभी ये सोचती हूँ कि ये जिन्दगी भी क्या क्या खेल खेलती है कि आपने जो कभी सोचा भी नही होता
वो आपके साथ घटित हो जाता है और बस आप लाचार होकर सिर्फ़ और सिर्फ़ देख ही सकते है लेकिन कुछ कर नही पाते लेकिन इसके साथ ही एक अच्छी बात हमें ये सिखाती है कि कैसे हम इतने सारे दुखों का सामना करने कि हिम्मत जुटा पाते हैं। सच में ये जिन्दगी बहुत खूबसूरत है बस हमें इसे जीना आना चाइये
वो आपके साथ घटित हो जाता है और बस आप लाचार होकर सिर्फ़ और सिर्फ़ देख ही सकते है लेकिन कुछ कर नही पाते लेकिन इसके साथ ही एक अच्छी बात हमें ये सिखाती है कि कैसे हम इतने सारे दुखों का सामना करने कि हिम्मत जुटा पाते हैं। सच में ये जिन्दगी बहुत खूबसूरत है बस हमें इसे जीना आना चाइये
sach hai
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने।
जवाब देंहटाएंलेकिन वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें, गम्भीर पाठक कतरा जाते हैं ऐसे टिप्पणी करने से
aapka swagat hai
जवाब देंहटाएंall the best
इसी लिये तो किसीने कहा है
जवाब देंहटाएंजिन्दगी जिन्दा-दिली का नाम है
http://gazalkbahane.blogspot.com/
कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com/
दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम
blog jagat main aapka swaagat hai . lagta hai apka zindagi ka falsafa padhne main mazaa aayega. likhti rahiye.......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंachahh likha hai aapne. Asha hai agle post mein in par vistar se likhengi.
जवाब देंहटाएंNavnit Nirav
nice thoughts.
जवाब देंहटाएंhttp://www.ashokvichar.blogspot.com
सच कहा आपने।
जवाब देंहटाएंबाँटी है जिसने तीरगी उसकी है बन्दगी।
हर रोज नयी बात सिखाती है जिन्दगी।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
write anything, u will get more and more comments balike. narayan narayan
जवाब देंहटाएंmadhvi ji bilkul aapne theek kaha. aapki baaton men sachchai aur gahrai dono hai. sabkuchh aapne kah diya. mere bolen ke liye kuchh bhi nahi bacha. meri subhkamnaayen. arun kumar jha.
जवाब देंहटाएंhttp://drishtipat.com
http://drishtipatpatrika.blogspot.com
http://ranchihalchal.blogspot.com
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है । लिखते रहीये हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने ज़िंदगी से मैने भी बहूत कुछ सीखा है और सीख भी रहा हूं
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